कोलकाता,खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज की ओर से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस और वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत से हुई। स्वागत भाषण देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुबीर दत्ता ने कहा कि मातृभाषा में सवांद करना जितना सहज है उतना दूसरी भाषा में नहीं। कोई भी भाषा अपनी सृजनशीलता के कारण ही बची रहती है। इसलिए भाषा को सृजनात्मकता से जोड़ना जरूरी है। इस मौके पर कॉलेज के प्रेसिडेंट अशोक चौधरी ने कहा कि भाषा आंदोलन सिर्फ भाषा आंदोलन नहीं है इसमें व्यापकता भी है। मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित बांग्लादेश के कुष्टिया विश्वविद्यालय के हबीब आर रहमान ने कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान जरूरी है। आज का दिन तभी सफल माना जाएगा जब सभी मातृभाषाओं का सम्मान किया जाएगा। अरुनिमा सिन्हा ने कहा कि मातृभाषा ही वह भाषा है जिसमें एक व्यक्ति अपनी भावनाओं को दूसरे के समक्ष व्यक्त कर पाता है। विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। उन विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया जिन्होंने अपने विषय में अच्छे अंक की प्राप्ति की है। प्रो. तपन दत्ता, प्रो, अर्नब बसु, प्रो, राजदीप साहा, अंतरा बोसा, त्रिशुक मजूमदार, सृजीता चक्रवर्ती, अदिति सरकार, सिमरन जायसवाल, तितस सेन गुप्ता, राहुल रॉय, सुभम भट्टाचार्य, मौमिता सिन्हा, दिपांजना चक्रवर्ती, हेमन्तिका घोष, सुतापा नायक, सुप्रतिम बोस, अभिक चौधरी आदि ने हिस्सा लिया। इस मौके पर समाज सेवी सुप्ती पांडेय भी मौजूद रही। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. तापसी घोष और प्रो, रामकृष्ण घोष ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुबीर दत्ता ने दिया।

खुदीराम बोस सेंट्रल कॉलेज ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
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